तुकड्यादास
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हिंदी भजन २
क्रमांक
भजन
1
आज मेरी बिनती सुनके, गुणवंत सुधी लिजिये
2
कलीने सबका मत मारा, पुराना शास्त्र पंथ हारा
3
भागसे पाई है नरतन, क्यों मुसाफिर खो रहा
4
साधो ! सुनले कहना बे, सममें सहजी रहना बे।।टेक।।
5
अँखियाँ प्रेमनकी भूखी हैं
6
अंतर - तार लगाना संतो !
7
अक्सर प्रभू हमारा, सब काम कर रहा है
8
अगनपर स्वार होकरके
9
अगम नहीं पावे वह गुरुबिन यार !
10
अगर तू जग - वशी चाहता, सम्हालो इंद्रिया सारे
11
अगर तू जग वशी चाहता, सम्हालो इंद्रियाँ सारे
12
अगर तू मोक्ष चाहता है, भजन कर सत्य पानेका
13
अगर तू मोक्ष चाहता है, भजन कर सत्य पानेका
14
अगर भवपार होना है, किसीभी पंथको धरले
15
अगर भवपार होना हो
16
अगर रामके दर्शकी हो मनीषा
17
अचरज नाथ ! गजबका पाया ।
18
अचल अज अजर अमर असनाम
19
अजब तमाशा जिसने बनाया ।
20
अजब तमाशा तेरा भाई !
21
अजब तेरा तमाशा है, जमाने के भितर बाबा !
22
अजब तेरा तमासा है, जमानेके भितर बाबा !
23
अजब विचक्षण मूर्ति हमारे बाबा
24
अजब संसार का परदा, ढँका है खूब सूरत में
25
अजब हैरान हूँ भगवन् ! पार कैसे लगाओगे ?
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